टांग के एमआरआई (मेग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग) में पैर, टांग, टखने और घुटने की विस्तृत छवियां तैयार की जाती हैं। यह हड्डियों, उपास्थियों और नरम ऊतकों जैसे लिगामेंट्स और टेंडंस सहित विभिन्न ऊतकों को दर्शाता है। एमआरआई में आप घुटने के जोड़ में मौजूद अर्धचंद्राकार उपास्थि (मेनिस्कस) और शॉक एब्जॉर्बर्स को भी देख सकते हैं।
एमआरआई स्कैनर में बड़े-बड़े मैग्नेट होते हैं जो आपके शरीर में एक अस्थायी चुंबकीय क्षेत्र बना देते हैं। यह चुंबकीय क्षेत्र एक निश्चित दिशा में आपके शरीर में परमाणुओं को संरेखित (अलाइन) करता है। इसके बाद, मशीन छोटी-छोटी रेडियो तरंगों का उत्सर्जन करती है, जो शरीर के उस हिस्से में परमाणुओं को बदल देती है, जिसको स्कैन किया जा रहा है। जब रेडियो तरंगें बंद हो जाती हैं, तो परमाणु अलग-अलग रेडियो सिग्नल भेजते हैं, जो स्कैन किए गए क्षेत्र की एक विस्तृत छवि बनाने के लिए मशीन के रिसीवर द्वारा पकड़े जाते हैं।
टांग का एमआरआई कॉन्ट्रास्ट के साथ और उसके बिना भी किया जा सकता है। कॉन्ट्रास्ट डाई से स्कैन किए जा रहे हिस्से की बेहतर तस्वीरें मिलती हैं। एमआरआई में आमतौर पर गैडोलिनियम नामक डाई का इस्तेमाल किया जाता है।
(और पढ़ें – लैब टेस्ट क्या होता है)
- टांग का एमआरआई कौन नहीं करवा सकता? – Who cannot have a leg MRI in Hindi?
- टांग का एमआरआई क्यों किया जाता है – Why is a leg MRI done in Hindi?
- टांग के एमआरआई के लिए तैयारी – How should I prepare for a leg MRI in Hindi?
- टांग का एमआरआई कैसे किया जाता है – What is the procedure for a leg MRI in Hindi?
- टांग के एमआरआई में कैसा महसूस होता है – How will a leg MRI feel in Hindi?
- टांग के एमआरआई रिजल्ट का क्या मतलब होता है – What do the results of a leg MRI mean in Hindi?
- टांग के एमआरआई से जुड़े जोखिम और लाभ – What are the risks and benefits of a Leg MRI in Hindi?
- टांग के एमआरआई के बाद क्या होता है – What happens after a leg MRI in Hindi?
- टांग का कॉन्ट्रास्ट बनाम गैर कॉन्ट्रास्ट एमआरआई – Contrast vs non contrast leg MRI in Hindi
- टांग के एमआरआई के साथ अन्य कौन से टेस्ट किए जा सकते हैं – What are the other tests that can be done with a leg MRI in Hindi?
- टांग का एमआरआई के डॉक्टर
टांग का एमआरआई कौन नहीं करवा सकता? – Who cannot have a leg MRI in Hindi?
डॉक्टर निम्नलिखित स्थितियों में इस टेस्ट को न कराने का सुझाव देते हैं :
- गर्भावस्था के दौरान : आमतौर पर गर्भावस्था के दौरान एमआरआई स्कैन की सलाह नहीं दी जाती है।
- शरीर में मेटल इंप्लांट : यदि आपके शरीर में कोई मेटल इंप्लांट (जैसे – पेसमेकर, हड्डियां जोड़ने के लिए धातु का इस्तेमाल) किया गया है तो इस बारे में मेडिकल स्टाफ को पहले ही बता दें। ताकि वे टेस्ट के दौरान आपकी सुरक्षा तय कर सकें या बहुत जरूरी न हो तो टेस्ट करने से मना कर सकें।
- टैटू बनवाया हो : हालांकि, अधिकांश टैटू में एमआरआई करवाना सुरक्षित होता है। लेकिन कुछ टैटू की स्याही में धातु मिक्स हो सकती है, ऐसे में एमआरआई करवाने से इसके कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
(और पढ़ें – टैटू हटाने के घरेलू उपाय)
टांग का एमआरआई क्यों किया जाता है – Why is a leg MRI done in Hindi?
आपका स्वास्थ्य कर्मी निम्नलिखित स्थितियों में टांग का एमआरआई करवाने का सुझाव दे सकता है :
- एक्स-रे या हड्डी के स्कैन में असामान्य परिणाम आना
- शारीरिक परीक्षण के दौरान टांग में भारीपन महसूस होना
- हड्डियों का दर्द और बुखार
- टखने के जोड़ की गतिविधियों में कमी
- टखने के जोड़ की लालिमा या सूजन
- पैर में दर्द, लालिमा या सूजन
- टखने, पैर या टांग में जन्म से कोई दोष
- टूटी हुई हड्डी
- टांग में दर्द और पूर्व में कैंसर हुआ हो
- टखने और टांग की अस्थिरता
- टांग, टखने या टांग में दर्द, जो इलाज के बाद भी ठीक न हो रहा हो
हालांकि, साधारण परिस्थितियों में कॉन्ट्रास्ट डाई की आवश्यकता नहीं होती है, फिर भी कुछ मामलों में इससे बेहतर तस्वीरें प्राप्त करने में मदद मिलती है। ट्यूमर या अन्य समस्याओं में कॉन्ट्रास्ट डाई का इस्तेमाल करके एमआरआई किया जाता है।
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टांग के एमआरआई के लिए तैयारी – How should I prepare for a leg MRI in Hindi?
आपको एमआरआई से छह घंटे से ही खाने-पीने से मना किया जा सकता है। निम्न स्थितियों में अपने स्वास्थ्य देखभालकर्ता और रेडियोलॉजिस्ट को सूचित करें :
- यदि आपके शरीर में धातु के टुकड़े हों (जैसे गोलियां या छर्रे)
- इलेक्ट्रॉनिक या प्रत्यारोपित उपकरण या स्टिमुलेटर
- प्रत्यारोपित ड्रग पंप
- हार्ट पेसमेकर / डिफाइब्रिलेटर
- स्टेंट
- फिल्टर, जैसे ब्लड क्लॉट फिल्टर
- प्रोग्राम किया जा सकने वाला शंट
- एन्यूरिज्म क्लिप और कॉइल
- सुनने की मशीन लगी होना
- एक घंटे के लिए पेट के बल लेटने में असमर्थता
- गर्भावस्था
यदि आपको बंद स्थानों पर डर लगता है तो आपके स्वास्थ्यकर्मी आपको हल्का सिडेटिव दे सकते हैं, जिससे आपको नींद आ जाएगी और चिंता कम होगी।
अपने सभी आभूषण और कीमती सामान (जैसे चाबियां, घड़ियां आदि) को घर पर ही छोड़कर जाएं, क्योंकि इन चीजों को एमआरआई रूम में ले जाने की मनाही होती है।
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टांग का एमआरआई कैसे किया जाता है – What is the procedure for a leg MRI in Hindi?
एमआरआई स्कैन में मुख्यतौर पर निम्नलिखित चरण शामिल होते हैं :
- स्कैन रूम में जाने से पहले एक रेडियोग्राफर आपको धातु के सभी आभूषण उतारने के लिए निर्देशित करेंगे। इसमें नकली दांत, कान के रिंग और सुनने के यंत्र आदि सभी शामिल हैं। यहां तक कि अगर आप विग लगाते हैं तो उसे भी स्कैन रूम में जाने से पहले उतारना होता है, क्योंकि उसमें भी धातु लगी होती है। आपको एमआरआई रूम में जाने से पहले हॉस्पिटल गाउन पहनने को दिया जा सकता है। (और पढ़ें – नकली दांत लगाने के नुकसान)
- एमआरआई रूम में आपका डॉक्टर या रेडियोग्राफर आपको एमआरआई बेड पर लेटने में मदद करेंगे। यह बेड स्कैनर के अंदर स्लाइड होता है।
- इस प्रक्रिया में कॉन्ट्रास्ट डाई के इंजेक्शन की आवश्यकता पड़ सकती है, जिसे आपकी बांह की नस में इंजेक्ट किया जाता है। इससे स्कैन किए जा रहे भाग के कुछ हिस्सों को स्पष्ट रूप से देखने में मदद मिलती है।
- एमआरआई के दौरान कोशिश करें कि आप बिल्कुल भी न हिलें, क्योंकि इससे तस्वीरें धुंधली और खराब हो सकती हैं।
- इस टेस्ट में 60 मिनट तक का समय लग सकता है। कई बार इससे भी ज्यादा समय लग सकता है।
(और पढ़ें – ब्रेन एमआरआई स्कैन क्या है)
टांग के एमआरआई में कैसा महसूस होता है – How will a leg MRI feel in Hindi?
एमआरआई मशीन का बेड कठोर या ठंडा लग सकता है। यदि आपको जरूरत महसूस हो तो आप कंबल या तकिये की मांग कर सकते हैं।
टेस्ट के दौरान एमआरआई मशीन से जोर-जोर से आवाज आती है। इससे बचने के लिए रेडियोलॉजी स्टाफ आपको इयरप्लग देंगे।
यदि कॉन्ट्रास्ट डाई इंजेक्ट की गई है तो कुछ लोगों को ठंडी सनसनी का अनुभव हो सकता है।
(और पढ़ें – अधिक ठंड लगने से कैसे बचें)
टांग के एमआरआई रिजल्ट का क्या मतलब होता है – What do the results of a leg MRI mean in Hindi?
नॉर्मल रिजल्ट का मतलब यह है कि आपके टांग में कोई समस्या नहीं है।
निम्नलिखित स्थितियों में असामान्य परिणाम देखने को मिल सकता है :
- फोड़ा (शरीर में ऊतक के भीतर मवाद जमा होना)
- उम्र के कारण डीजनरेटिव परिवर्तन
- गठिया (जोड़ों में सूजन)
- अकिलिस टेंडोनाइटिस (पिंडलियों की मांसपेशियों को एड़ी की हड्डी से जोड़ने वाले अकिलिस टेंडन में सूजन)
- हड्डी में संक्रमण (ऑस्टियोमाइलाइटिस)
- टूटी हुई हड्डी
- मांसपेशियों को नुकसान पहुंचना
- उत्तकों को चोट पहुंचा (जैसे लिगामेंट, टेंडन और उपास्थि)
- ओस्टियोनेक्रोसिस (हड्डी में रक्त की आपूर्ति की कमी के कारण हड्डी से जुड़ा रोग)
- पिंडली की मांसपेशियों को पैर की हड्डियों से जोड़ने वाली पोस्टेरियर टिबिअल टेंडन में शिथिलता
- प्लांटर फेशिया (पैर के नीचे के मोटे ऊत्तक) को नुकसान पहुंचना
- अकिलिस टेंडन का फटना या उसे नुकसान पहुंचना
- मांसपेशियों, हड्डी और नरम उत्तकों में ट्यूमर या कैंसर
(और पढ़ें – हड्डी के कैंसर के लक्षण)
टांग के एमआरआई से जुड़े जोखिम और लाभ – What are the risks and benefits of a Leg MRI in Hindi?
इस टेस्ट के साथ निम्नलिखित जोखिम जुड़े हुए हैं :
- एमआरआई मशीन द्वारा बनाया गया मजबूत चुंबकीय क्षेत्र पेसमेकर और अन्य धातु प्रत्यारोपण के सामान्य कामकाज को बाधित कर सकता है। एमआरआई मशीन के चुंबकीय क्षेत्र के कारण शरीर के भीतर प्रत्यारोपण हिल सकता है।
- कॉन्ट्रास्ट डाई के कारण कुछ समय के लिए अस्थायी तौर पर सिरदर्द, चक्कर आना और मितली हो सकती है।
- गुर्दे की बीमारी से ग्रस्त ऐसे लोगों के लिए कॉन्ट्रास्ट डाई का इस्तेमाल हानिकारक हो सकता है, जिन्हें डायलिसिस की आवश्यकता होती है।
- कॉन्ट्रास्ट डाई के कारण एलर्जी के बहुत कम मामले सामने आते हैं।
इस टेस्ट के लाभों में शामिल हैं :
- इसमें विकिरण (रेडिएशन) का इस्तेमाल नहीं किया जाता
- यह टेस्ट आमतौर पर दर्द रहित होता है
- यह एक विस्तृत नैदानिक तस्वीर मुहैया कराता है।
(और पढ़ें – रेडिएशन थेरेपी के फायदे)
टांग के एमआरआई के बाद क्या होता है – What happens after a leg MRI in Hindi?
एमआरआई के तुरंत बाद से ही आप अपनी दैनिक गतिविधियां जारी रख सकते हैं। हालांकि, यदि सिडेटिव दिया गया है तो आपको नीचे बताई गई सावधानियों का पालन करना चाहिए।
- एमआरआई करवाने के बाद 24 घंटे तक आपके साथ कोई न कोई अवश्य रहना चाहिए
- जब तक सिडेटिव का असर पूरी तरह से खत्म न हो जाए, तब तक आपको कोई भी वाहन नहीं चलाना चाहिए और न ही सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना चाहिए
- जिस दिन एमआरआई किया गया है, उस दिन भारी मशीन चलाने से बचें
(और पढ़ें – पेट का एमआरआई कैसे होता है)
टांग का कॉन्ट्रास्ट बनाम गैर कॉन्ट्रास्ट एमआरआई – Contrast vs non contrast leg MRI in Hindi
बिना कॉन्ट्रास्ट डाई के होने वाला एमआरआई आमतौर पर टांग की स्थिति का पता लगाने के लिए किया जाता है। हालांकि, कॉन्ट्रास्ट डाई का इस्तेमाल करके होने वाला एमआरआई उत्तकों की अधिक स्पष्ट तस्वीरें निकालने और टांग के उत्तकों की जांच करने व सामान्य व गांठयुक्त उत्तकों में अंतर करने के लिए किया जाता है। गांठयुक्त उत्तकों के कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं :
- गैर कैंसर युक्त घाव या गांठ
- प्लांटर फाइब्रोमैटोसिस
- डीप फाइब्रोमैटोसिस
- हेमांगीओमा (एक तरह का गैर-कैंसर युक्त ट्यूमर)
- एंजियोमायोमा
- सिनोवियल ओस्टियोकोन्ड्रोमाटोसिस
- कैंसरयुक्त गांठ
- सिनोवियल सार्कोमा
- रैबडोमायोसरकोमा
- लिम्फोमा
- मेलानोमा
मॉर्टन्स न्यूरोमा (पैर की उंगलियों की तरफ जाने वाली नसों के आसपास के उत्तकों का मोटा होना) में भी एमआरआई के लिए कॉन्ट्रास्ट डाई का उपयोग किया जाता है।
डाई अस्थायी रूप से कुछ उत्तकों से चिपक जाती है, जो धीरे-धीरे पेशाब के साथ बाहर निकलती है। अधिकांश स्वास्थ्यकर्मी एमआरआई के लिए गैडोलिनियम का कॉन्ट्रास्ट डाई के रूप में इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, कॉन्ट्रास्ट डाई को सुरक्षित माना जाता है, लेकिन डायलिसिस से गुजरने वाले रोगियों के लिए यह हानिकारक हो सकती है। इसके अलावा कुछ रोगियों में डाई इंजेक्ट होने के बाद सिरदर्द, चक्कर आना और उल्टी जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं।
(और पढ़ें – पेशाब में बदबू आने का कारण)
टांग के एमआरआई के साथ अन्य कौन से टेस्ट किए जा सकते हैं – What are the other tests that can be done with a leg MRI in Hindi?
टांग के एमआरआई के साथ आपके स्वास्थ्यकर्मी आपकी चिकित्सीय स्थिति के अनुसार अन्य टेस्ट भी करवा सकते हैं। जैसे :
बायोप्सी (हड्डी के ट्यूमर के लिए या सूजन के लिए)
हड्डी का स्कैन (हड्डी में सूजन के लिए)
ध्यान रहे : इन सभी टेस्ट के परिणाम रोगी के नैदानिक स्थितियों से सहसंबद्ध यानी जुड़े होने चाहिए। ऊपर मौजूद जानकारी शैक्षिक दृष्टिकोण से दी गई है और यह किसी भी डॉक्टर द्वारा सुझाए गए मेडिकल सलाह का विकल्प नहीं है।
(और पढ़ें – बोन कैंसर कैसे होता है)
टांग का एमआरआई के डॉक्टर
Dr. Rachita Gupta
रेडियोलोजी
12 वर्षों का अनुभव

Dr. Tejinder Kataria
रेडियोलोजी
35 वर्षों का अनुभव

Dr. Shyam Singh Bisht
रेडियोलोजी
17 वर्षों का अनुभव

Dr. Shikha Goyal
रेडियोलोजी
18 वर्षों का अनुभव
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