डॉर्सल स्पाइन एमआरआई क्या है?
मैग्नेटिक रिसोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) एक इमेजिंग टेस्ट है, जो शरीर के अंदरूनी अंगों व संरचनाओं की स्पष्ट तस्वीर बनाता है। इस टेस्ट के लिए मैग्नेटिक फील्ड (चुम्बकीय क्षेत्र), रेडियो वेव (तरंगों) और कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है।
सामान्य और असामान्य नरम ऊतक के बीच अंतर करने के लिए एमआरआई तकनीक कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी स्कैन) की तुलना में ज्यादा बेहतर होती है।
डॉर्सल स्पाइन एमआरआई के दौरान थोरेसिक स्पाइन (रीढ़ का सबसे लंबा भाग, जो छाती के ठीक पीछे वाला भाग होता है) की तस्वीर तैयार होती है। इस टेस्ट की मदद से डॉक्टर को रीढ़ के बीच वाले हिस्से के साथ-साथ आसपास के नरम ऊतकों व नसों का मूल्यांकन करने में मदद मिलती है।
कभी-कभी, अधिक स्पष्ट तस्वीर प्राप्त करने के लिए 'गैडोलीनियम' जैसे कंट्रास्ट डाई का उपयोग किया जाता है।
- डॉर्सल स्पाइन एमआरआई किसे नहीं कराना चाहिए? – Who should avoid dorsal spine MRI in Hindi?
- डॉर्सल स्पाइन एमआरआई क्यों की जाती है? – Why is dorsal spine MRI done in Hindi?
- डॉर्सल स्पाइन एमआरआई से पहले की तैयारी? – Dorsal spine MRI preparation in Hindi?
- डॉर्सल स्पाइन एमआरआई के लिए प्रक्रिया क्या है? – Dorsal spine MRI procedure in Hindi?
- डॉर्सल स्पाइन एमआरआई में कैसा महसूस होगा? – How does a dorsal spine MRI feel in Hindi?
- डॉर्सल स्पाइन एमआरआई के परिणामों का मतलब? – Dorsal spine MRI results mean in Hindi?
- डॉर्सल स्पाइन एमआरआई के जोखिम और लाभ क्या हैं? – Dorsal spine MRI risks and benefits in Hindi?
- डॉर्सल स्पाइन एमआरआई के बाद क्या होता है? – What happens after the dorsal spine MRI in Hindi?
- डॉर्सल स्पाइन एमआरआई के साथ और कौन से टेस्ट किए जा सकते हैं? – Other tests can be done with dorsal spine MRI in Hindi?
- डॉर्सल स्पाइन एमआरआई के डॉक्टर
डॉर्सल स्पाइन एमआरआई किसे नहीं कराना चाहिए? – Who should avoid dorsal spine MRI in Hindi?
निम्नलिखित स्थितियों में डॉर्सल स्पाइन एमआरआई कराने की सलाह नहीं दी जाती है :
- गर्भावस्था, खासकर पहली तिमाही
- शरीर छिदवाया हो या परमानेंट टैटू बनवाया हो (और पढ़ें – टैटू हटाने के तरीके)
- यदि कोई मेडिकल पैच (किसी तरह का बैंडेज) पहने हो
- यदि मेडिकल इंप्लांट कराया हो जैसे :
- कोक्लियर (कान) इंप्लांट
- इंप्लांटेबल पंप जैसे इंसुलिन पंप
- पेसमेकर (अतालता के इलाज के लिए उपयोग किए जाने वाला छोटा उपकरण)
- कार्डिएक डीफिब्रिलेटर (एक डिवाइस जो कार्डियक अरेस्ट से होने वाली मौत के जोखिम को कम करता है)
- रक्त वाहिकाओं में रखे गए मेटल कॉइल्स
- एन्यूरिज्म क्लिप (माइक्रोसर्जिकल क्लिप जिसका इस्तेमाल रक्त के प्रवाह को रोकने के लिए किया जाता है)
- धातु की पिन, स्क्रू या सर्जिकल स्टेपल
- धातु का कोई सूक्ष्म टुकड़ा
(और पढ़ें – रीढ़ की हड्डी में दर्द का इलाज)
डॉर्सल स्पाइन एमआरआई क्यों की जाती है? – Why is dorsal spine MRI done in Hindi?
डॉक्टर निम्नलिखित स्थितियों का पता लगाने या उनका आकलन करने के लिए डॉर्सल स्पाइन एमआरआई कराने का सुझाव दे सकते हैं :
- रीढ़ की हड्डी से जुड़ा जन्म दोष
- रीढ़ की हड्डी में चोट
- रीढ़ की हड्डी और नसों का संपीड़न या सूजन
- रीढ़ की हड्डी का संक्रमण
- रीढ़ की हड्डी, मेरुदंड, नसों या आसपास के नरम ऊतकों में ट्यूमर
- डिस्क या जोड़ो का रोग
यह टेस्ट रीढ़ की हड्डी के ऑपरेशन के बाद किसी भी बदलाव (जैसे स्कार या संक्रमण) को मॉनिटर करने के लिए किया जाता है। इस टेस्ट के माध्यम से डॉक्टर को रीढ़ के इलाज के लिए योजना बनाने में मिलती है। सर्जरी के दौरान स्टेरॉयड इंजेक्शन देने से पहले एमआरआई स्कैन का आदेश दिया जा सकता है। लंबे समय तक पीठ दर्द के संभावित कारणों का पता लगाने के लिए भी यह टेस्ट कराने का सुझाव दिया जा सकता है।
(और पढ़ें – पीठ दर्द का आयुर्वेदिक इलाज)
डॉर्सल स्पाइन एमआरआई से पहले की तैयारी? – Dorsal spine MRI preparation in Hindi?
आप टेस्ट से पहले अपनी सामान्य दिनचर्या के अनुसार खान-पान कर सकते हैं व दवाई भी ले सकते हैं। आपको टेस्ट के लिए ढीले कपड़े पहनने या अस्पताल से मिलने वाले गाउन पहनने के लिए कहा जा सकता है। टेस्ट से पहले सभी आभूषण व अन्य सामान हटा दें, क्योंकि एमआरआई स्कैन के दौरान धातु और इलेक्ट्रॉनिक समान की वजह से मशीन को नुकसान पहुंच सकता है। आपको यह सुनिश्चित करने के लिए एक सहमति फॉर्म भरना होगा, जिसमें यह बात लिखी होगी कि आपके पास किसी भी तरह का आभूषण या धातु से बना छोटा बड़ा समान नहीं है।
यदि आपको बंद जगहों से डर लगता है, तो डॉक्टर या रेडियोलॉजिस्ट एंग्जायटी की दवा दे सकता है। यदि आप गर्भवती हैं, हाल ही में कोई सर्जरी कराई है, गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं या कंट्रास्ट डाई से एलर्जी है, तो इस बारे में डॉक्टर को सूचित करें।
(और पढ़ें – रीढ़ की हड्डी में टेढ़ेपन का इलाज)
डॉर्सल स्पाइन एमआरआई के लिए प्रक्रिया क्या है? – Dorsal spine MRI procedure in Hindi?
यदि इस एमआरआई के लिए कंट्रास्ट डाई का प्रयोग किया जाना है, तो पहले व्यक्ति की बांह में डाई को इंजेक्ट किया जाएगा, फिर निम्नलिखित बातों को फॉलो किया जाएगा :
- तकनीशियन आपको स्कैन टेबल पर लेटने के लिए कहेंगे। प्रक्रिया के दौरान आपको स्थिर रहने के लिए कहा जाएगा। आप चाहें तो तकिए का उपयोग भी कर सकते हैं।
- स्कैनिंग के दौरान तेज शोर होगा, ऐसे में आप इयरप्लग या कान को बंद करने के लिए कुछ मांग सकते हैं।
- स्कैनिंग टेबल धीरे-धीरे स्कैनिंग मशीन के अंदर स्लाइड (जाएगी) करेगी।
- स्कैनर को दूसरे कमरे से टेक्नोलॉजिस्ट द्वारा नियंत्रित किया जाता है, इस दौरान वे आपको हर समय देख सकते हैं। यदि आपको कुछ कहना है तो स्कैनर के अंदर स्पीकर के माध्यम से आप संवाद कर सकते हैं।
- यदि आपको प्रक्रिया के दौरान कोई कठिनाई हो तो आप वहां मौजूद कॉल बटन दबा सकते हैं।
- स्कैन के दौरान, क्लिक करने की आवाजें सुनाई देगी, क्योंकि एक मैग्नेटिक फील्ड तैयार होता है और स्कैनर रेडियो तरंगों को कंप्यूटर में भेजता है।
- कुछ समय बाद, टेक्नोलॉजिस्ट आपसे कुछ सेकंड के लिए सांस रोकने के लिए कह सकते हैं।
- स्कैन के बाद, टेक्नोलॉजिस्ट टेबल को स्कैनर से बाहर लाएंगे और आपको टेबल से उतने में मदद करेंगे।
पूरी एमआरआई प्रक्रिया में 30 मिनट से दो घंटे तक का समय लग सकता है।
(और पढ़ें – सर्वाइकल एमआरआई कैसे किया जाता है)
डॉर्सल स्पाइन एमआरआई में कैसा महसूस होगा? – How does a dorsal spine MRI feel in Hindi?
एमआरआई स्कैनिंग एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें दर्द नहीं होता है। हालांकि, आपको हल्की असुविधा हो सकती है क्योंकि प्रक्रिया पूरी होने तक आपको एक ही पोजिशन में लेटने के लिए कहा जाएगा। परीक्षण के दौरान, आपको स्कैनर से अलग-अलग आवाजें आ सकती हैं जैसे कि क्लिकिंग और खटखटाना।
जब कंट्रास्ट डाई इंजेक्ट की जाती है, तो आपको ठंडक, खुजली, मतली, उल्टी, धातु का स्वाद या सिरदर्द का अनुभव हो सकता है। ये लक्षण कुछ समय बाद अपने आप ठीक हो जाते हैं।
(और पढ़ें – सिरदर्द की होम्योपैथिक दवा)
डॉर्सल स्पाइन एमआरआई के परिणामों का मतलब? – Dorsal spine MRI results mean in Hindi?
डॉर्सल स्पाइन एमआरआई की मदद से कुछ स्थितियों का पता लगाया जा सकता है :
- रीढ़ की हड्डी पर दबाव
- सीरिंगोमायलिया (रीढ़ की हड्डी में द्रव से भरी सिस्ट)
- रीढ़ की हड्डी में ट्यूमर
- हर्नियेटेड डिस्क
- मल्टीपल स्क्लेरोसिस
- मायलोमेनिंगोसील (एक जन्म दोष जिसमें रीढ़ की हड्डी पूरी तरह से नहीं बनती है)
- रीढ़ के पास बढ़े हुए लिम्फ नोड्स
- रीढ़ की हड्डी पर घाव
(और पढ़ें- स्लिप डिस्क के घरेलू उपाय)
डॉर्सल स्पाइन एमआरआई के जोखिम और लाभ क्या हैं? – Dorsal spine MRI risks and benefits in Hindi?
एमआरआई के लाभ :
- एमआरआई एक गैर-आक्रामक (बिना चीर फाड़ वाला) टेस्ट है, जिसमें रेडिएशन का जोखिम नहीं होता है।
- अन्य इमेजिंग टेस्ट की तुलना में एमआरआई से मिलने वाले चित्र अधिक विस्तृत और स्पष्ट होते हैं।
- इसमें गैडोलीनियम नामक डाई का उपयोग किया जाता है। बता दें, एक्स-रे और सीटी स्कैन में उपयोग किए जाने वाले आयोडीन डाई की तुलना में इसमें एलर्जी का जोखिम कम होता है।
- इसकी मदद से हड्डी से जुड़ी असामान्यता का पता लगाया जा सकता है।
एमआरआई के जोखिम :
- हालांकि, मैग्नेटिक फील्ड हानिकारक नहीं है, लेकिन यदि इस दौरान आपके अंदर कोई डिवाइज इंप्लांट की गई है तो इसकी वजह से मशीन को नुकसान हो सकता है और तस्वीरें स्पष्ट नहीं आएंगी।
- कंट्रास्ट डाई से कई लोगों को एलर्जी की समस्या हो सकती है।
(और पढ़ें – एलर्जी के घरेलू उपाय)
डॉर्सल स्पाइन एमआरआई के बाद क्या होता है? – What happens after the dorsal spine MRI in Hindi?
इस टेस्ट के बाद किसी विशेष देखभाल की आवश्यकता नहीं होती है। आप सामान्य रूप से अपना आहार ले सकते हैं व अपनी दैनिक गतिविधियां शुरू कर सकते हैं। हालांकि, अगर कंट्रास्ट डाई का प्रयोग किया गया है, तो कुछ दुष्प्रभाव जैसे खुजली, सांस लेने में कठिनाई, सूजन या चकत्ते के लिए आपको कुछ समय तक निगरानी करने की जरूरत है। यदि ऐसा होता है तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। इसके अलावा इंजेक्शन वाली जगह पर हल्का दर्द या सूजन हो सकती है। हालांकि, आप नॉन-कंट्रास्ट एमआरआई के बाद सीधे घर जा सकते हैं। यदि आपको टेस्ट से पहले सिडेटिव ड्रग्स या एंटी-एंजाइटी दवा दी जाती है तो खुद से गाड़ी चलाकर घर जाने की बजाए किसी करीबी के साथ जाएं।
(और पढ़ें – सूजन कम करने के घरेलू उपाय)
डॉर्सल स्पाइन एमआरआई के साथ और कौन से टेस्ट किए जा सकते हैं? – Other tests can be done with dorsal spine MRI in Hindi?
डॉर्सल स्पाइन एमआरआई के साथ निम्नलिखित टेस्ट किए जा सकते हैं :
- नर्व कंडक्शन वेलोसिटी
- इलेक्ट्रोमायोग्राफी
- पीईटी
- बायोप्सी
- सीटी स्कैन
ध्यान रहे : इन भी टेस्ट के परिणाम रोगी के नैदानिक स्थितियों से सहसंबद्ध यानी जुड़े होने चाहिए। ऊपर मौजूद जानकारी शैक्षिक दृष्टिकोण से दी गई है और यह किसी भी डॉक्टर द्वारा सुझाए गए मेडिकल सलाह का विकल्प नहीं है।
डॉर्सल स्पाइन एमआरआई के डॉक्टर
Dr. Rachita Gupta
रेडियोलोजी
12 वर्षों का अनुभव

Dr. Tejinder Kataria
रेडियोलोजी
35 वर्षों का अनुभव

Dr. Shyam Singh Bisht
रेडियोलोजी
17 वर्षों का अनुभव

Dr. Shikha Goyal
रेडियोलोजी
18 वर्षों का अनुभव
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