आयुर्वेदिक दवाओं और इस पद्धति से उपचार पर लोगों की विश्वसनीयता साल दर साल बढ़ती रही है। आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी बूटियां हैं जो कई प्रकार की गंभीर बीमारियों के इलाज में प्रभावी साबित हो चुकी हैं। ऐसी ही एक औषधि है वज्रदंती। यह एक बारहमासी पौधा है, जिसे दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ बनाए रखने वाली क्षमता के लिए पीढ़ियों से जाना और उपयोग में लाया जाता रहा है।
वज्रदंती को बारलेरिया प्रियोनाइटिस नाम से भी जाना जाता है। एशिया और पूर्वी अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में यह बहुतायत मात्रा में पाई जाने वाली औषधि है। हालांकि, अब दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भी वज्रदंती की खेती की जा रही है। भले ही वज्रदंती का स्वाद कड़वा और कसैला होता हो, लेकिन इसे अनेक फायदों की एक दवा माना जा सकता है।
आयुर्वेद के अलावा, वज्रदंती का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों जैसे सिद्ध और लोक चिकित्सा में भी किया जाता है। आइए इस गुणकारी औषधि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं।
वैज्ञानिक नाम : बारलेरिया प्रियोनाइटिस
संस्कृत नाम : सैरेयाका, सहकारा
परिवार : अचंतासी
मूल क्षेत्र और भौगोलिक वितरण : दक्षिण-पूर्व एशिया, चीन और अफ्रीका के कुछ हिस्से
किन हिस्सों को प्रयोग में लाते हैं : पत्ती, जड़, छाल, फूल
- वज्रदंती के गुण – Properties of Vajradanti in Hindi
- वज्रदंती के स्वास्थ्य लाभ – Health benefits of Vajradanti in Hindi
- मौखिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है वज्रदंती – Vajradanti benefits for oral health in Hindi
- सूजन को कम करने के लिए करें वज्रदंती का उपयोग – Vajradanti to reduce swelling or edema in Hindi
- गाउट, गठिया और जोड़ों में सूजन को दूर करने के लिए वज्रदंती का उपयोग – Vajradanti for gout, arthritis and swollen joints in hindi
- त्वचा के लिए काफी फायदेमंद है वज्रदंती – Vajradanti benefits for skin in Hindi
- वज्रदंती से किडनी की पथरी को निकाल सकते हैं – Vajradanti for kidney stones in hindi
- खांसी, बलगम और सांस की समस्याओं में वज्रदंती का उपयोग है फायदेमंद – Vajradanti for cough, excess mucus and respiratory problems in hindi
- बालों की समस्या को दूर करने के लिए करें वज्रदंती का उपयोग – Vajradanti benefits for hair in hindi
- प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मददगार है वज्रदंती – Vajradanti for reproductive health in hindi
- वज्रदंती के दुष्प्रभाव – Vajradanti side effects in hindi
- वज्रदंती के उपयोग का तरीका और खुराक – Dosage and how to use Vajradanti in hindi
- वज्रदंती के फायदे और नुकसान के डॉक्टर
वज्रदंती के गुण – Properties of Vajradanti in Hindi
कफ और वात दोषों के निवारण में वज्रदंती को काफी लाभकारी माना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार मानव का शरीर जल और पृथ्वी (कफ) और वायु (वात) जैसे प्राकृतिक तत्वों से मिलकर बना होता है।
वज्रदंती दो शब्दों से मिलकर बना है, वजर जिसका अर्थ है हीरा और दंती यानी दांत। इसका शाब्दिक अर्थ है, एक ऐसी जड़ी-बूटी जो दांतों को हीरे की तरह मजबूत बनाती है। बाजार में मिलने वाले आयुर्वेदिक टूथपेस्ट में इसे एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में शामिल किया जाता है। इसके अतिरिक्त वज्रदंती को सूजन जैसी समस्याओं के समाधान में भी उपयोगी माना गया है। द आयुर्वेदिक फार्माकोपिया ऑफ इंडिया पार्ट-I, वॉल्यूम III (आयुष मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत) में एक लेख के अनुसार वज्रदंती में एल्कलॉइड, बीटा-साइटोस्टेरॉल और पोटेशियम जैसे कई फाइटोकेमिकल्स और खनिज पदार्थ पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण होते हैं।
वज्रदंती के स्वास्थ्य लाभ – Health benefits of Vajradanti in Hindi
सदियों से वज्रदंती का उपयोग तमाम प्रकार से स्वास्थ्य लाभ देने वाली औषधि के रूप में किया जाता है। वज्रदंती का उपयोग निम्न समस्याओं में किया जा सकता है।
- सूजन को कम करने वाली औषधि
- सड़न रोकने वाली
- डायाफोरेटिक यानी पसीने को बढ़ाने वाली
- मूत्रवर्धक
- एंटिकैटरल (कान के संक्रमण, ऊपरी श्वास नलिका के संक्रमण विशेष रूप से नाक और गले के संक्रमण में शरीर से बलगम निकालने वाली)
- एस्ट्रीनजेंट
मौखिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है वज्रदंती – Vajradanti benefits for oral health in Hindi
वज्रदंती को मौखिक स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी औषधि माना जाता है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट होती है वज्रदंती यानी हीरे जैसे दांत। इसके फूल से बने पेस्ट का इस्तेमाल दांतों को मजबूत बनाने के लिए किया जाता है।
जिन लोगों को मुंह के छालों की समस्या होती है उनको वज्रदंती के जड़ के काढ़े का उपयोग माउथवॉश के रूप में करने की सलाह दी जाती है। इससे छाले तेजी से ठीक हो जाते हैं। इसके अलावा जिन लोगों को दांतों के सड़न और मसूड़ों से खून आने की दिक्कत होती है उन्हें प्रभावित हिस्से में वज्रदंती के पत्ते के रस को लगाने से लाभ मिलता है।
संपूर्ण मौखिक स्वास्थ्य के लिए बहुत से लोग वज्रदंती की टहनियों को भी चबाते हैं। इन तमाम लाभों के आधार पर कहा जा सकता है कि वज्रदंती, मुंह और दांतों के लिए काफी लाभकारी औषधि हो सकती है।
सूजन को कम करने के लिए करें वज्रदंती का उपयोग – Vajradanti to reduce swelling or edema in Hindi
वॉटर रिटेंशन यानी अंगों में पानी भर जाने या सूजन के मामले में वज्रदंती के फूल के अर्क को फायदेमंद माना जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह पेशाब की मात्रा को बढ़ाकर शरीर से सोडियम को बाहर करने में काफी लाभकारी हो सकती है। इसका प्रयोग करते हुए एडिमा को चमत्कारी रूप से कम करने में मदद मिल सकती है।
गाउट, गठिया और जोड़ों में सूजन को दूर करने के लिए वज्रदंती का उपयोग – Vajradanti for gout, arthritis and swollen joints in hindi
वज्रदंती को प्राकृतिक रूप से एंटी-रूमेटिक औषधि माना जाता है। सूजन और गठिया जैसी स्थितियां जैसे आर्थराइटिस आदि के इलाज के रूप में वज्रदंती के प्रयोग की सलाह दी जाती है। ऐसी समस्याओं के इलाज के रूप में आयुर्वेद विशेषज्ञ या सिद्ध चिकित्सक, रोगी को वज्रदंती के पौधे से तैयार किए गए काढ़े के सेवन की सलाह देते हैं।
कुछ शोधकर्ताओं का यह भी मानना है कि वज्रदंती का उपयोग रूमेटाइड आर्थराइटिस के रोगियों को भी लाभ दे सकता है। हालाकि, इस संबंध में ठोस परिणाम प्राप्त करने के लिए अभी और अधिक शोध की आवश्यकता है। हमेशा ध्यान रखें कि किसी भी औषधि का उपयोग बिना विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह के न करें।
त्वचा के लिए काफी फायदेमंद है वज्रदंती – Vajradanti benefits for skin in Hindi
जिन लोगों को एक्जिमा, खुजली या त्वचा की एलर्जी जैसी समस्याएं हों, उन्हें प्रभावित हिस्से पर वज्रदंती की पत्तियों से बना पेस्ट लगाने पर लाभ मिलता है। इतना ही नहीं यह पेस्ट फोड़े-फुंसी और मुहांसों से भी छुटकरा दिला सकता है।
जिन लोगों को दाद या फंगल संक्रमण की दिक्कत हो उनके लिए भी यह औषधि फायदेमंद मानी जाती है। इसके लिए वज्रदंती की जड़ों को सुखाकर महीन पाउडर के रूप में पीस लें। अब इस पाउडर को नींबू के रस में मिलाकर प्रभावित हिस्से पर लगाएं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह घरेलू उपचार दाद और इससे जुड़ी अन्य समस्याओं को ठीक करने में काफी प्रभावी हो सकता है। इसके अलावा जिन लोगों को एड़ी फटने की समस्या होती है वह वज्रदंती की पत्ती का रस या पेस्ट भी लगा सकते हैं।
वैसे तो सदियों से उपरोक्त स्थितियों में इन उपचार विधियों को प्रयोग में लाया जाता रहा है, लेकिन इन स्थितियों में वज्रदंती की प्रमाणिकता को स्पष्ट करने के लिए अभी और अधिक शोध किए जाने की आवश्यकता है। इन प्राकृतिक उपचारों का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह के बिना या निर्धारित दवाओं के विकल्प के रूप में नहीं किया जाना चाहिए।
वज्रदंती से किडनी की पथरी को निकाल सकते हैं – Vajradanti for kidney stones in hindi
वज्रदंती का उपयोग पीढ़ियों से मूत्रवर्धक के रूप में किया जाता रहा है। इसका मतलब है कि यह शरीर में मूत्र के उत्पादन को बढ़ाने के साथ विभिन्न अवशेषों को बाहर करने में मदद करती है। इसके सेवन से पेशाब की आवृत्ति बढ़ती है, जिससे प्राकृतिक रूप से किडनी की पथरी के बाहर निकलने की संभावना बढ़ जाती है।
यदि आपको पेट के बगल के हिस्से में अचानक दर्द या पीठ में दर्द होना, बुखार, मितली और उल्टी, बार-बार पेशाब आना, पेशाब से खून आने जैसे किडनी में पथरी के लक्षण नजर आते हैं तो इस बारे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। आयुर्वेदिक उपचारों को प्रयोग में लाने से पहले इस बारे में किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें।
खांसी, बलगम और सांस की समस्याओं में वज्रदंती का उपयोग है फायदेमंद – Vajradanti for cough, excess mucus and respiratory problems in hindi
वज्रदंती की एंटीकैट्रल एक्शन यानी अतिरिक्त बलगम को हटाने में काफी प्रभावी औषधि माना जाता है। यही कारण है कि इसका उपयोग खांसी और एलर्जिक राइनाइटिस के लिए किया जाता रहा है। कफ को बाहर करने के लिए वज्रदंती की पत्तियों के रस को शहद के साथ मिलाकर दिया जाता है। यह अतिरिक्त बलगम हटाने के साथ गले को साफ करने में मदद कर सकती है। वज्रदंती की सूखे छाल का चूर्ण खांसी के इलाज में कारगर बताया गया है। इसके अलावा यह अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए भी फायदेमंद औषधि हो सकती है।
ध्यान रहे इन औषधियों का उपयोग निर्धारित दवाओं के विकल्प के रूप में नहीं करना चाहिए। यदि आप अस्थमा या किसी अन्य समस्या की दवाइयों का सेवन कर रहे हैं तो किसी भी उपाय को आज़माने से पहले चिकित्सक से सलाह जरूर ले लें। ऐसा न करने पर यह औषधियां, पहले से चल रही दवा के प्रभाव को कम कर सकती हैं।
बालों की समस्या को दूर करने के लिए करें वज्रदंती का उपयोग – Vajradanti benefits for hair in hindi
तिल के तेल को वज्रदंती के पौधों के हिस्सों के साथ गर्म करके खोपड़ी में लगाने से बालों को सफेद होने से रोका जा सकता है। ऐलोपेसिया और बालों के झड़ने की समस्या को ठीक करने के लिए भी इसका प्रयोग किया जा सकता है।
प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मददगार है वज्रदंती – Vajradanti for reproductive health in hindi
महिला और पुरुष दोनों की प्रजनन क्षमता में सुधार करने के लिए वज्रदंती के सेवन की सलाह दी जाती है। जिन लोगों में शुक्राणुओं की कमी होती है उन्हें वज्रदंती की पत्तियों के रस का सेवन करने की सलाह दी जाती है। वहीं वज्रदंती की जड़ों को उबालकर उसके पानी को गर्भवती महिलाओं के पेट पर रगड़ने से यह भ्रूण के समुचित विकास को बढ़ावा देने में फायदेमंद हो सकता है।
वज्रदंती के दुष्प्रभाव – Vajradanti side effects in hindi
औषधियों के लाभ के साथ उसके दुष्प्रभाव भी होते हैं। वैसे तो वज्रदंती का सही मात्रा में सेवन और तमाम प्रकार से इसके उपयोग के आधार पर इसके कोई दुष्प्रभाव सामने नहीं आए हैं। हालांकि, यदि आपको पहले से स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या है और उसकी दवाइयों का सेवन कर रहे हों तो वज्रदंती के सेवन से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर ले लें।
वज्रदंती के उपयोग का तरीका और खुराक – Dosage and how to use Vajradanti in hindi
यदि आप वज्रदंती का उपयोग लगाने के रूप में कर रहे हैं तो सामान्य तौर पर डॉक्टर इसकी 50-100 मिलीलीटर की खुराक की सलाह देते हैं। वहीं यदि इसका मौखिक रूप से सेवन करते हैं तो यह खुराक आवश्यकतानुसार 5 से 20 मिलीलीटर का हो सकता है।
आपकी आवश्यकताओं के अनुसार वज्रदंती के पौधे का कौन सा भाग आपके लिए उपयुक्त है, इस बारे में जानने के लिए किसी चिकित्सक, आयुर्वेद विशेषज्ञ या सिद्ध चिकित्सक से सलाह लें।
वज्रदंती के फायदे और नुकसान के डॉक्टर

Dr. Aman Negi
आयुर्वेदा
1 वर्षों का अनुभव
Dr Santosh Kumar Gupta
आयुर्वेदा
14 वर्षों का अनुभव

Dr. Rajesh Bhat
आयुर्वेदा
15 वर्षों का अनुभव

Dr. Dishant Jain
आयुर्वेदा
1 वर्षों का अनुभव
और पढ़ें …
संदर्भ
- Shilpa S, Venkatesha Murthy CG. Understanding personality from Ayurvedic perspective for psychological assessment: A case. Ayu. 2011 Jan;32(1):12-9.
- Department of Indian medicine and homoeopathy, The Ayurvedic Pharmacopoeia of India Part-I, Volume III Ministry of Health and Family Welfare
- ripathi YC, Prabhu VV, Pal RS, Mishra RN. Medicinal plants of rajasthan in Indian system of medicine. Ancient Science of Life. 1996 Jan;15(3):190-212.
- Manjusha Choudhary, Vipin Kumar, Pankaj Kumar Gupta, Surender Singh, Anti-arthritic activity of Barleria prionitis Linn. leaves in acute and chronic models in Sprague Dawley rats, Bulletin of Faculty of Pharmacy, Cairo University, Volume 52, Issue 2, 2014, Pages 199-209